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Monday, February 8, 2010

aKeLa DiL

आप हम में  बसगए इतने
कि ना सोचा इतनी याद सताएगी !
पर अब पता चला इस पागल दिल को
कि दूरी, याद को बना देती है रंजीदा !

हमारे आगे थी पूरी दुनिया
हमारे आगे थी पूरी दुनिया,
पर इन आँखों में तोह सिर्फ आपकी तस्वीर छापी थी !

मुस्कुरा रहे थे हम सबसे
पर घुट रहा था यह बेचारा दिल !
बस आपकी याद में,
हाँ, आपकी याद में !